सुल्तानपुर, नवम्बर 20 -- चांदा, संवाददाता। जिसके अंदर का देवता जीत गया है। उसका जीवन सुखी, संतुष्ट और भगवत प्रेम से भरा गया है। उक्त उद्गार चांदा के रामनगर गांव में श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन वाराणसी से आए भागवताचार्य डॉ मदन मोहन मिश्रा महाराज ने व्यक्त किये। डॉ मिश्र ने कथा को आगे बढ़ाते हुए भगवान के 24 अवतारों की कथा के साथ-साथ समुद्र मंथन की कथा सुनाई। भागवताचार्य ने कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है। यहां चौरासी लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं। जब-जब कोई अपने गलत कर्मों द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर सजनों का उद्धार और दुर्जनों का संघार किया करते हैं। समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए कहा कि मानव हृदय ही संसार सागर है। ...