नई दिल्ली, सितम्बर 8 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता दुष्कर्म के मामले में सजा पूरी होने के बाद भी करीब साढ़े 4 साल तक कैदी को रिहा नहीं किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि अतिरिक्त समय तक कैदी को जेल में रखने के बाद उसे 25 लाख रुपये मुआवजा दे। जस्टिस जेबी पारदीवाला और केवी विश्वनाथन की पीठ ने अधिकारियों के इस लापरवाही के लिए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। पीठ ने कहा कि किसी को भी निर्धारित सजा से अधिक समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है। पीठ ने कहा कि इस तरह की अत्यधिक कैद मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और इसे माफ नहीं किया जा सकता। शीर्ष अदालत ने मौजूदा मामले में अतिरिक्त समय तक कैदी को जेल में रखने ...
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