सिद्धार्थ, नवम्बर 16 -- सिद्धार्थनगर। धरती पर अधर्म का बोलबाला होता है तब भगवान का किसी न किसी रूप में अवतार होता है। भगवान चारो दिशाओं में विद्यमान है। इन्हें प्राप्त करने का मार्ग मात्र सच्चे मन से भक्ति ही है। निर्मल मन व स्वच्छ भावना के साथ भगवान की शरण में जाओ तो वह मनोकामना पूरी करते हैं। ये बातें अयोध्या से आई कथा व्यास देवी अन्नपूर्णा ने शहर के विवेकानंद नगर वार्ड स्थित श्रीराधा कृष्ण मंदिर परिसर में आयोजित रामकथा के चौथे दिन श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि भगवान सर्वत्र व्याप्त है। प्रेम से पुकारने व सच्चे मन से सुमिरन करने पर कहीं भी प्रकट हो सकते हैं। भगवान जिसका हाथ थाम लेते हैं उसे फिर छोड़ते नहीं हैं। उन्होंने कहा की भगवान शिव और पार्वती के विवाह का प्रसंग बहुत ही मंगलकारी है। जो इस कथा को सुनता है...