सिद्धार्थ, अप्रैल 19 -- भनवापुर, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के धनोहरी गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन गुरुवार की रात कथावाचक बाल गोविंद मिश्र ने ध्रुव व विदुर चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाया। जिसे सुनकर श्रोता भावविभोर हो गये। कथावाचक ने कहा कि अगर ध्रुव पांच साल की उम्र में भगवान को पा सकते हैं तो फिर हम कैसे पिछड़ सकते हैं। अगर सच्चे मन से भगवान की भक्ति की जाए तो भगवान खुद अपने भक्तों से मिलने पहुंच जाते है। कथा के दौरान झांकी सजाया गया। कथावाचक ने विदुर प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम की व्याकुलता का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण विदुरजी की कुटिया में भोजन करने गए और वहां केले के छिलकों का भोग स्वीकारा। इससे पहले वह दुर्योधन के महल में छप्पन भोग का त्याग कर आए थे। भगवान तो प्रेम के भूखे होते हैं और विदुर-विद...