संभल, जून 19 -- तहसील क्षेत्र के गांव टांडा में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। बुधवार को कथा के तृतीय दिन पंडित कवित आचार्य महाराज ने भगवान कपिल के जन्म की कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कर्दम ऋषि ने भगवान का कठोर तप करके भगवान को पुत्र कपिल के रूप में पाया। कपिल की माता देवहुति ने भगवान से पूछा कि मैं इंद्रियों के विषय वासना से खिन्न हूं फिर भी मेरे जीवन में अभी तक पूर्णता क्यों नहीं आई। इसपर भगवान कपिल समझते हुए कहते हैं कि माता जब तक हम उस पूर्ण पिता परमात्मा से जुड़ाव नहीं करेंगे। तब तक हमारे जीवन में पूर्णता नहीं आएगी। हम यंत्र तंत्र भटकते रहते हैं कभी उस परमात्मा से जुड़ने का प्रयास नहीं करते। परमात्मा के चक्कर में न जाने कितने लोगों के चक्कर में पड़ जाते हैं। जो परमात्मा से हमको अलग ही दिशा में ले जाता है। इस दौरान क...