प्रयागराज, जनवरी 29 -- महाकुम्भ के तीसरे और सबसे प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने सिद्धि योग में आस्था की डुबकी लगाई। साथ ही तीर्थपुरोहितों के सानिध्य में सकल पुण्य के निमित्त अन्न, वस्त्र, द्रव्य दानकर सुख-समृद्धि की कामना की। अमृत स्नान का पुण्यकाल सूर्योदय से पूर्व ब्रह्ममुहूर्त में संगम समेत गंगा-यमुना के विभिन्न घाटों पर स्नान-दान किया। कल्पवासियों ने गंगा स्नान कर शिविर में स्थित तीर्थपुरोहितों को तिल, गुड़, ऊनी कपड़ा आदि दान किया। साथ ही पितरों को प्रसन्न करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण व पिंडदान किया। तीर्थपुरोहितों के सानिध्य में गोदान करने से मोक्ष प्राप्ति की कामना की। गृह दोष निवारण के लिए काला तिल दान किया। घाटों पर मां गंगा के निमित्त दीप जलाया और सूर्यदेव को अर्घ्य देकर आशीष प्राप्त किया। कल्पवासिय...