छपरा, मार्च 13 -- जलालपुर, एक प्रतिनिधि। प्रखंड के मंगोलापुर में आयोजित श्री मारुति नंदन महायज्ञ सह रामकथा का समापन गुरुवार को हुआ। रामकथा के अंतिम दिन कथावाचक श्री राधेश्याम शास्त्री जी महाराज ने कहा कि संकट झेलने वाले व्यक्ति को ही सुंदर जीवन मिलता है। संकट का कहां अंत है यह हमें पता नहीं होता है। जब हनुमान जी समुद्र तट पर खड़े थे और सीता माता की खोज करने के लिए समुद्र पार करने लगे तो रास्ते में अनेक संकट आए। लेकिन उन्होंने धैर्यपूर्वक सभी संकटों का निवारण किया। ठीक इसी तरह यह संसार सागर है। हम भी संसार रूपी समुद्र पर खड़े हैं लेकिन हम इसके महत्व को नहीं समझते है। जो इस बड़े सागर को पार करेगा वही राम का काम कर पाएगा। जब तुम अपने स्वार्थ से पार नहीं पाओगे तो संसार से क्या पर पाओगे। मौके पर मंगलेश्वर महादेव सेवा समिति संकट मोचन रामायण मंड...