बलरामपुर, अक्टूबर 29 -- गैसडी,संवाददाता। नगर पंचायत गैसड़ी में चल रहे श्री रामलीला रामलीला मंचन के दूसरे दिन राक्षसों की प्रताड़ना से दुखी ऋषि-मुनियों ने रक्षा के लिए मुनि विश्वामित्र से गुहार लगाई। इस पर मुनि विश्वामित्र महाराजा दशरथ के दरबार में जाते हैं। राजा दशरथ उन्हें राज सिंहासन पर विराजमान करवाते हैं। फिर श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को बुलाकर उन्हें मुनि विश्वामित्र का आशीर्वाद दिलाते हैं। राजा दशरथ से ऋषि मुनियों की राक्षसों से रक्षा के लिए श्रीराम और लक्ष्मण को साथ भेजने की आग्रह करते है, तभी दुखी मन से राजा दशरथ पीड़ा बयां करते हुए कहते हैं, चाहे मेरे प्राण ले लें, मुझे तनिक भी भय नहीं परंतु कठोर व भयानक राक्षसों के बीच अपने पुत्रों को मैं भला कैसे जाने दूं।गुरु वशिष्ठ के समझाने पर राजा दशरथ ने बोझिल मन से श्रीराम व लक्ष्मण...