बेगुसराय, अक्टूबर 8 -- सिमरिया धाम, एक संवाददाता। संस्कृत और संस्कृति के प्रणेता महर्षि वाल्मीकि पूज्यनीय हैं। संस्कृत, संस्कृति और संस्कार ही अपना आधार है। ये बातें बिहार संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने कहीं। राजकीय कल्पवास मेला सिमरिया के सर्वमंगला सिद्धाश्रम में मंगलवार को महर्षि चिदात्मन वेद विज्ञान द्वारा आयोजित महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर पहुंचे बोर्ड अध्यक्ष श्री झा का स्वागत स्वामी चिदात्मन जी महाराज, रविंद्र ब्रह्मचारी, प्रो. विजय झा व प्रो. पीके झा प्रेम ने मिथिला परम्परा के अनुसार चादर, माला व मिथिला का पाग पहना कर किया। अध्यक्षता वरिष्ठ कवि सचिदानंद पाठक ने की तथा मंच संचालन डॉ. घनश्याम झा व सत्यानंद ने किया। स्वागत गीत मीनाक्षी व नंदनी ने किया। समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. घनाकर ठाकुर ने महर्षि वाल्मीकि ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.