कुशीनगर, मार्च 5 -- समउर बाजार, हिन्दुस्तान संवाद। कला से संस्कृति का समागम होता है। पूर्वांचल की धरती संस्कृति की धरोहर है और जहां संस्कृत व संस्कृति है वहीं सर्वांगीण विकास तेजी से होता है। सभी छात्र छात्राओं में अलग अलग गुण होते हैं, उनके इसी गुण को पहचानकर उसी क्षेत्र में आगे बढ़ाना ही शिक्षक व अविभावक का कार्य होना चाहिए। इतिहास गवाह है कि क्रांति पूर्वांचल से ही आती है। ये बातें इंडियन आइडियल स्कूल समउर बाजार के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि देवरिया के सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे छात्र छात्राओं व अविभावको को संबोधित करते हुए मंगलवार को कही। उन्होंने कहा कि जैसे पृथ्वी के संतुलन के लिए अनेकों जीव जन्तु पेड़ पौधे और वनस्पतियों को कुदरत ने प्रदान किया है, ठीक उसी तरह विकसित भारत बनाने के लिए शिक्...