कोटद्वार, मई 24 -- नगर निगम के अंतर्गत शिवपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन शनिवार को प्रवचन करते हुए आचार्य वीरेंद्र कंडवाल ने कहा कि श्रीमद्भक्ति मानव का प्रथम कर्तव्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसार रूपी सागर से पार उतरने के लिए भगवान का नाम लेना ही एकमात्र सहारा है। कहा कि पितामह भीष्म कौरवों के दल में थे, लेकिन वे भगवान कृष्ण की ही भक्ति करते थे। उन्होंने अंतिम समय में भगवान कृष्ण के चरणों में प्राण त्यागे। इसलिए मानव को जब भी समय मिले श्रीमद्भागवत कथा का अवश्य श्रवण करना चाहिए। इस दौरान आयोजक बिंदेश्वरी देवी काला सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनता मौजूद रही।
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