बोकारो, मार्च 31 -- कलियुग में संसार रूपी भव सागर से पार पाने के लिए श्री राम कथा नाव के समान है,जहां जब भी प्रभु राम की कथा हो उसे भक्ति भाव के साथ प्रेम से सुनना चाहिए,उक्त उपदेश मूलक वाणी अंतराष्ट्रीय मानस प्रवक्ता अनिल बाल ब्यासजी महाराज ने चंदनकियारी के भोस्की में आयोजित सात दिवसीय मारूती महायज्ञ सह मानस पाठ के दौरान कही। उन्होंने बताया कि कथा की अवहेलना कभी भी नहीं करनी चाहिए। बाल ब्यास जी ने मानस का दृष्टांत प्रस्तुत करते हुए बताया कि एक बार त्रेतायुग में जब भगवान शिव माता पार्वती के साथ कुंभज ऋषि के पास पहुंचे थे उस समय भगवान शिव का नाम बाबा तुलसी दास ने संभु दिया और पार्वती का नाम जगतजननी,अखिलेश्वरी दिया क्योंकि दोनो पति पत्नी पहुंचे थे। कुछ समय के बाद जब कुंभज ऋषि ने श्री राम कथा का श्रवण कराया तो भगवान शिव ने ध्यान से सुने और ख...