किशनगंज, मई 10 -- किशनगंज, एक संवाददाता। धर्मशाला रोड स्थित पार्श्वनाथ भवन में विराजमन आचार्य प्रमुख सागर जी महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि मोह सारे कर्मों का राजा है,मोह के कारण व्यक्ति संसार में भ्रमण करता है सुबह परिवार के लिए पैसा कमाने के लिए घर से बाहर निकल कर शाम को वापस लौटता है,ठीक उसी तरह जैसे ग्वाला अपनी गाय को घास चरने के लिए वह भी शाम को अपने खूंटे पर बंध जाती है। आचार्य श्री ने कहा कि ऐसे ही मोह की प्रवृति होती है,जो हमें संसार की भ्रमण करती, संसार में भौतिक वस्तु मोह करती है,सुख का अहसास करती है,लेकिन वो सब सुखभास है सब संसार में रह जाएगा,साथ में कुछ जाने वाला नहीं है,इसलिए हम सभी को मोह से बचना चाहिए।आचार्य श्री संघ में मुनि श्री प्रभाकर सागरजी, आर्यिका प्रतिज्ञा माता जी, आर्यिका प्रतिभा जी, आर्यिका परीक्षा मा...