हापुड़, मार्च 27 -- हापुड़। नगर के मोदीनगर रोड स्थित सरस्वती बाल मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन यानी बुधवार को श्रीमद्भागवत की आरती व यशोदा नंदन श्रीकृष्ण की वंदना कर शुभारंभ किया गया। प्रसिद्ध कथा वाचक शैल बिहारी दास महाराज ने भक्त प्रह्लाद की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान नारद जी के चार शिष्य हुए थे, इसमें भगवान बाल्मीकि, वेदव्यास, ध्रुव और प्रह्लाद थे। असुर राजा हिरणाकश्यप तथा कयाधु के पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे। हिरणाकश्यप भगवान विष्णु को अपना शत्रु मानते थे, उन्होंने अपने राज्य में भगवान विष्णु की पूजा प्रतिबंधित की हुई थी। भक्त प्रह्लाद जब शिक्षा पूरी कर अपने पिता के पास आते है। हिरणाकश्यप उनसे पूछता है कि आपने क्या सिखा। तब प्रह्लाद अपने पिता को बताते है कि संसार मिथ्या है। हमें भगवान से डर कर रहना चा...