कानपुर, मार्च 22 -- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं पर स्वस्थ और खुशहाल भारत बनाने की बड़ी जिम्मेदारी है। कार्यकत्री गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और धात्री महिलाओं से लेकर नौनिहालों को ककहरा सिखातीं हैं। अफसोस, आंगनबाड़ी कार्यकत्री खुद सरकार की अनदेखी का शिकार हैं। उनका कहना है कि हमसे राज्यकर्मियों की भांति सभी प्रकार के कार्य कराए जा रहे हैं, जब राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की बात आती है तो नियमों का हवाला देते हैं। ऐसे में, सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की गुहार है कि हमें भी इतना मानदेय मिले की हम सम्मान की रोटी खा सकें। जिले में 2134 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें 550 केंद्र शहरी क्षेत्र में चलाए जा रहे हैं। शेष ग्रामीण क्षेत्र में हैं। आंगनबाड़ी केंद्र जब बनाए गए थे, तब सरकार 1000 की आबादी पर एक केंद्र का निर्धारण किया था। आबादी क...