बिहारशरीफ, मार्च 20 -- संसद में उठी बुनकरों की आवाज, कारोबार को मिलेगी रफ्तार नालंदा के सांसद की मांग पर टेक्सटाइल मंत्री ने दिया सहयोग का आश्वासन बुनकरों को मिलेगा बाजार और प्रोत्साहन, सरकार से हुई सिफारिश फोटो : सांसद : संसद की कार्यवाही में भाग लेते नालंदा सांसद कौशलेन्द्र कुमार। बिहारशरीफ, हमारे संवाददाता। कभी नालंदा के हस्तकरघा उद्योग की पहचान दुनिया भर में थी। बावनबूटी साड़ी की नायाब कारीगरी देश-विदेशों तक मशहूर थी। दर्जनों गांवों में खटकल की आवाज गूंजती थी। यहां, तसर, सिल्क, खादी और सूती कपड़े बनाए जाते थे। लेकिन, आधुनिकता और मशीनों के बढ़ते प्रभाव ने हाथ से तैयार कपड़ों की मांग को प्रभावित किया। अब हालात यह कि अधिकांश बुनकर पुश्तैनी धंधा छोड़कर दूसरे रोजगार में चले गए हैं। हस्तकरघा उद्योग के इस पतन पर चिंता जताते हुए नालंदा के सां...