पीलीभीत, जून 25 -- पीलीभीत टाइगर रिजर्व द्वारा चलाए जा रहे मानव-बाघ सह-अस्तित्व जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत आज बाघ एक्सप्रेस का विशेष जागरूकता वाहन बांसखेड़ा, रानीगंज और मथना जप्ती गांवों में पहुँचा। बांसखेड़ा वही जगह है जो मानव वन्यजीव संघर्ष को लेकर पिछले दिनों चर्चा में रही थी। स्थानीय ग्रामीणों, युवाओं, महिलाओं और बच्चों को नुक्कड़ नाटक के द्वारा बाघों के महत्व और उनके संरक्षण से संबंधित जानकारी दी गई। टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि एक समय भारत में हजारों बाघ थे। अवैध शिकार और वनों की कटाई के कारण इनकी संख्या में भारी गिरावट आई है। इसी संकट को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि बाघ को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत पूर्ण सुरक्षा प्राप्त है। इसका शि...