प्रयागराज, फरवरी 2 -- प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। राधेश्याम चैरिटेबल फाउंडेशन के की ओर से संविधान और संस्कार के विषय पर इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में रविवार को सेमिनार हुआ। मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि महाकुम्भ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का जीवन्त उदाहरण है जिसका दर्शन करोड़ों लोग कर रहे हैं और उन्हें भारतीय सनातन संस्कृति की सुखद अनुभूति हो रही है। हमारा संविधान भी भौतिकता और आध्यात्मिकता का जीवन्त स्वरूप है और संस्कृति और संस्कारों से युक्त है। वेद, पुराण, भागवत गीता, कुरान, बाइबिल के जैसे हमारा संविधान भारत का पवित्र ग्रंथ है, जिसे बदला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रति में कमल का प्रतीक चिह्न अंकित है जो भारतीयता का प्रतीक है। कुछ लोग संविधान के नाम पर देश की एकता और अखंडता भिन्न-भिन्न करना चाहत...