नई दिल्ली, नवम्बर 19 -- प्रभात कुमार नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने उच्चतर न्यायिक सेवा (एचजेएस) में पदोन्नत न्यायाधीशों के लिए कोई विशेष कोटा या वरीयता देने से इनकार कर दिया। संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि देश में असमान प्रतिनिधित्व की कोई राष्ट्रव्यापी पैटर्न नहीं है, जिसके लिए ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता हो। देश के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई की अगुवाई वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि 'न्यायिक अधिकारियों में नाराजगी की भावना उच्चतर न्यायिक सेवा (एचजेएस) संवर्ग के भीतर किसी भी कृत्रिम वर्गीकरण को उचित नहीं ठहरा सकती। पीठ ने कहा है कि विभिन्न स्रोतों (नियमित पदोन्नति, सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षा और सीधी भर्ती) से एक ही संवर्ग में प्रवेश और वार्षिक रोस्टर के अनुसार वरिष्ठता प्राप्त होने ...