नई दिल्ली, अगस्त 20 -- राष्ट्रपति की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल रेफरेंस को लेकर बुधवार को भी सुनवाई जारी है। अप्रैल में अदालत की ओर से फैसला दिया गया था कि 90 दिनों के अंदर विधानसभा से पारित विधेयकों को राज्यपाल या राष्ट्रपति को मंजूर करना होगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर कारण बताना होगा। शीर्ष अदालत की ओर से ऐसा आदेश जारी किए जाने पर ही राष्ट्रपति ने रेफरेंस दाखिल कर पूछा है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के पास ऐसा अधिकार है। बुधवार को इस मामले में सुनवाई शुरू हुई तो दोनों ओर से दिलचस्प दलीलें दी गईं। इस बीच बेंच ने पूछा कि क्या देश संविधान निर्माताओं की इस उम्मीद पर खरा उतरा है कि राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच सामंजस्य होगा। बेंच ने कहा कि संविधान निर्माता चाहते थे कि दोनों शक्ति केंद्रों के बीच विभिन्न मुद्दों पर परामर्श भी किया जाएगा। ची...