प्रयागराज, नवम्बर 26 -- प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। समाज में अन्याय, शोषण और भेदभाव के खिलाफ खड़े होकर इंसाफ की राह दिखाने वाले लोग ही असल मायने में संविधान के प्रहरी होते हैं। चाहे पुलिस हिरासत में हुई मौत का मामला हो, महिलाओं पर अत्याचार हो, गरीब कैदियों की मदद, बुजुर्गों व बच्चों के अधिकारों की लड़ाई हो या फिर किशोर अपराधियों के पुनर्वास का सवाल, हर मोर्चे पर कुछ चेहरे लगातार न्याय की लौ जलाए खड़े हैं। प्रयागराज में कुछ ऐसे चेहरे सामने आए हैं, जिन्होंने अदालत, समाज और सिस्टम के बीच खड़े होकर संविधान की मूल आत्मा न्याय, समानता और मानवाधिकार को बचाने का काम किया है। न्याय के लिए सत्ता के खिलाफ उठाई आवाज-अधिवक्ता चार्ली प्रकाश महिलाओं पर एसिड अटैक, पुलिस हिरासत में मौत और महाकुम्भ में भगदड़ जैसे मामलों में पीड़ितों का साथ देने वाले युवा ...