पलामू, दिसम्बर 1 -- मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। इप्टा के सांस्कृतिक पाठशाला की 89वीं कड़ी में भारत के संविधान की उदेशिका की मूल भावना विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. केडी ओझा न कहा कि भारत के संविधान की उद्देशिका की मूल भावना को समझने के लिए उसकी रचना-प्रक्रिया का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है। संविधान अनेक देशों के संविधानों के अध्ययन, मनन और महीनों चले गंभीर विमर्श के बाद तैयार किया गया। इसकी समस्त विशेषताओं और आदर्शों का सार उद्देशिका में निहित है, जो संविधान की मूल आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है। हमारे संविधान की इस मूल भावना में स्वतंत्रता, न्याय, समता और बंधुता जैसे मूल्य शामिल हैं। गौतम कुमार ने कहा कि उद्देशिका में निहित प्रत्येक शब्द की स्पष्ट व्याख्या और समझ विकसित करने के लिए अगले सत्र में भी इसी ...