उन्नाव, नवम्बर 20 -- जिले की 322 गौशालाओं में करीब 36 हजार मवेशियों को किया जा रहा संरक्षित गोशालाओं में गोवंश की हालत दयनीय है। यह उनकी काया देख ही जान लेंगे। दूर से शरीर की एक-एक हड्डियां गिन सकते हैं, जिससे हर दिन हरा चारा और भरपेट भूसा खिलाने की हकीकत खुद-ब-खुद बयां हो रही है। वहीं, रात का औसत तापमान 17 डिग्री पहुंच गया है पर बचाव के कोई इंतजाम नजर नहीं आएंगे। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान' की टीम के पड़ताल के दौरान यह नजारा देखने को मिला। 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पारा आते ही गोवंशों की जान पर बन आती है। गोवंशों के चेहरे, खाली चरही और नाद से उठी सड़ांध से संरक्षण के इंतजाम भापे जा सकते हैं। स्पष्ट है कि गोवंश संरक्षण से अफसर सिर्फ अपना बचाव कर रहे हैं। 140 गोवंश के संरक्षण का दावा, टीन शेड 30 के लिए भी कम सुमेरपुर स्थित गौशालाओं का ह...