धनबाद, सितम्बर 24 -- धनबाद, वरीय संवाददाता। छात्र-छात्राओं का लक्ष्य ही स्वध्याय होना चाहिए। अभिरुचि और अधिकार में तालमेल होना चाहिए अन्यथा छलांग लगाने से गिर पड़ेंगे। अपनी ऊर्जा लक्ष्य की ओर साधें। स्वयं संयम रखें और संयमित लोगों को संग करें। स्वयं को समझना होगा तभी बुराइयों का क्षीण होगा। उक्त बातें पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहीं। वे मंगलवार को आईआईटी आईएसएम के पेनमेल हॉल में वैदिक गणित एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर आयोजित व्याख्यान में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने छात्र-छात्राओं के प्रश्नों के उत्तर दिए और उनकी जिज्ञासा को शांत किया। पंचीकरण की व्याख्या करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि पंचीकरण वेदांतिक सिद्धांत है, जो बताता है कि मूल पांच सूक्ष्म तत्वों से पदार्थ कैसे उत्पन्न हुए। पंचीकरण वह प्रक्रिया...