संभल, फरवरी 25 -- संभल। 24 नवंबर को संभल की शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा की मजिस्ट्रेटी जांच लगातार तारीखों के बढ़ने के कारण ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच पा रही है। इस घटना में चार लोगों की मौत हुई थी, और मामले की निष्पक्ष जांच के लिए डिप्टी कलेक्टर दीपक चौधरी को मजिस्ट्रेटी जांच की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि, अधिकारियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों द्वारा बयान दर्ज न कराने के चलते जांच प्रक्रिया बार-बार बाधित हो रही है। अब प्रशासन ने सात मार्च को अंतिम तिथि निर्धारित की है। संभल हिंसा से जुड़े 12 मुकदमों में से छह मामलों की जांच पूरी हो चुकी है, और एसआईटी (विशेष जांच दल) ने 79 आरोपियों के खिलाफ 3,500 पेज की चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दी है। इसके बावजूद, मजिस्ट्रेटी जांच अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा बयान दर्ज न क...