नई दिल्ली, अक्टूबर 8 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीयू के रामानुजन कॉलेज के वकील से पूछा है कि क्या कोई तदर्थ समिति यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे किसी व्यक्ति को निलंबित कर सकती है। विश्वविद्यालय, कॉलेज और पीड़िता ने रामानुजन कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर रसल सिंह के निलंबन पर अंतरिम रोक के खिलाफ याचिकाएं दायर की हैं। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रामानुजन कॉलेज की तरफ से वरिष्ठ वकील बांसुरी स्वराज से पीठ द्वारा उठाए गए मुद्दे पर निर्देश लेने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। सुनवाई के दौरान यह दलील दी गई कि निलंबन कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं है। विश्वविद्यालय के अध्यादेश के अनुसार समिति को कार्रवाई करने का अधिकार है। दूसरी तरफ वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने प्...