नई दिल्ली, नवम्बर 22 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि जमीयत के बुजुर्गों ने भारत के विभाजन का जो विरोध किया था, वह पूरी तरह दूरदर्शी और सही निर्णय था। वे शनिवार को कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित मुफ्ती मुहम्मद किफायतुल्लाह देहलवी के जीवन और योगदान पर दो-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्गों का रुख ठोस तर्कों और दस्तावेजों पर आधारित था। आज कुछ नौजवान मौजूदा हालात देखकर यह समझ बैठते हैं कि उन्होंने गलत रास्ता चुना, लेकिन मैं इससे सहमत नहीं। उनका फैसला बिल्कुल सही था। दुर्भाग्य से उसे लागू नहीं किया गया। अगर उनकी प्रस्तावित राह पर पूरा देश एकजुट होता, तो आज परिस्थितियां कहीं बेहतर होतीं।

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