नई दिल्ली, अक्टूबर 8 -- नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। आधुनिक तकनीक के जरिए डॉक्टरों ने 83 साल के एक ऐसे मरीज की जिंदगी बचा ली, जिसके दिल की धड़कनें बेहद कम हो गई थीं। दिल्ली के मैक्स साकेत अस्पताल में पहली बार बिना चीरे के दोहरे चैंबर वाले बिना तारों के (लीडलेस) पेसमेकर को मरीज के शरीर में सफलतापूर्वक लगाया गया है। डॉक्टरों का दावा है कि देश में पहली बार इस प्रक्रिया को पूरा किया गया है। ऐसे में दिल के मरीजों को और बेहतर इलाज मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। अस्पताल के चेयरमैन डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि 83 साल के मरीज गंभीर किडनी बीमारी, उच्च रक्तचाप समेत कई अन्य बीमारी से जूझ रहे थे और बीते कुछ समय से वे बार-बार बेहोश हो रहे थे। जांच में पाया गया कि एट्रियोवेंट्रिकुलर ब्लॉक के कारण उनकी दिल की धड़कन बेहद धीमी हो गई थी। यह स्थिति जानलेवा थी और इ...