नई दिल्ली, अक्टूबर 18 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक कर्मी की बर्खास्तगी को रद्द कर दिया है। उसने ग्राम पंचायत की उपस्थिति में अपनी पहली पत्नी से पारंपरिक तलाक लेने के बाद दूसरी शादी कर ली थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि मौजूदा मामले की परिस्थितियों में याचिकाकर्ता को सेवा से बर्खास्त करना न्याय का उपहास होगा। न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया और बाद में अपील और पुनरीक्षण में उसके खिलाफ एक आदेश पारित किया। पीठ ने कहा कि सेवा से बर्खास्तगी एक अतिवादी कदम है। इससे कर्मचारी का परिवार अस्त-व्यस्त हो जाता है। परिवार की आजीविका का स्रोत अचानक ठप हो जाता है। इसलिए यह कोई उचित कदम नहीं है। खासकर जहां कर्मचारी...
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