नई दिल्ली, सितम्बर 29 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मानव तस्करी मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ किसी भी प्रकार की दंडात्मक व कठोर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह राहत इस दलील के आधार पर दी है कि मामला गलत पहचान का है। असली आरोपी याचिकाकर्ता नहीं बल्कि कोई और है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने याचिकाकर्ता और शिकायतकर्ता के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद आदेश दिया कि दलीलों को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई न की जाए। कोर्ट ने सीबीआई को छह सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में सीबीआई ने 25 जून 2025 को अशोक कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 370 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। आरोप है कि अशोक कुमार ने अन्य अज्ञात लोगों के साथ म...
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