नई दिल्ली, अक्टूबर 14 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। एम्स में महत्वपूर्ण जगहों पर ऑटोमेटेड डिफिब्रिलेटर मशीनें लगाई जाएंगी, ताकि दिल का दौरा पड़ने पर मरीजों को तुरंत इस मशीन से बिजली का झटका (इलेक्ट्रिक शॉक) देकर जान बचाई जा सके। एम्स प्रशासन ने सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) जागरूक सप्ताह के मद्देनजर मंगलवार को सेट सुविधा केंद्र में आयोजित सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह जानकारी दी। वैसे तो अस्पताल की इमरजेंसी, विभिन्न वार्ड व कार्डियक सेंटर में ऑटोमेटेड डिफिब्रिलेटर मशीन उपलब्ध है, लेकिन ओपीडी, मरीजों के वेटिंग एरिया, मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों के हॉस्टल इत्यादि जगहों पर यह मशीन नहीं है। एम्स में प्रतिदिन 15 हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने पर हृदय गति...