नई दिल्ली, नवम्बर 21 -- देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई ने शुक्रवार को वह अपनी इस बात पर पूरी तरह कायम हैं कि 'क्रीमी लेयर' को अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण के फायदों से बाहर रखा जाना चाहिए, भले ही उनके अपने समुदाय में इसकी आलोचना हो रही हो। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित अपने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए सीजेआई गवई ने अनुसूचित जाति के उप वर्गीकरण की इजाजत देने वाले अपने फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि मेरे समुदाय में उस फैसले को लेकर मेरी बहुत बुराई हुई है। हालांकि, उन्होंने आगे बताया कि उस फैसले को लिखते समय उन्होंने खुद से एक सवाल पूछा था कि क्या एक आदिवासी इलाके में एक आदिवासी के बेटे को मेरे बेटे के साथ मुकाबला करने के लिए मजबूर किया जा सकता है, जो अपने पिता की उपलब्धियों की वजह से सब...