झांसी, मई 21 -- झांसी, विष्णु दुबे। प्रदेशभर के नगरीय निकायों में नामांतरण शुल्क के नाम पर चल रही मनमानी वसूली पर शासन ने लगाम कस दी है। संपत्ति की अलग-अलग दरों के हिसाब से नामांतरण शुल्क तय कर दिया गया है। इसके तहत अधिकतम 10 हजार रुपये ही नामांतरण शुल्क लगेगा। इस संबंध में शासन ने नगर निगम (निर्धारण सूची में संशोधन और परिवर्तन) मानक उपविधि 2025 लागू कर दी है। स्थानीय निकाय बोर्ड बैठक में इस उपविधि को अंगीकार करने की मुहर लगाएंगे। प्रदेश के नगरीय निकायों में टैक्स के साथ नामांतरण शुल्क में नगर निगम ने भारी भरकम बढ़ोतरी कर बोर्ड बैठक से प्रस्ताव पास कराकर शहरी जनता पर थोप दिया था। इसके हिसाब से नामांतरण शुल्क में डीएम सर्किल रेट के हिसाब से रजिस्ट्री का एक प्रतिशत शुल्क लगता था। इस अनियमितता और लोगों के विरोध को देखते हुए शासन ने संशोधन कर...
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