जामताड़ा, जून 30 -- जामताड़ा। 30 जून को पूरे संथाल परगना प्रमंडल में हुल दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। इसको लेकर सरकारी स्तर से लेकर विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा तैयारी की जा रही है। संथाल परगना के आदिवासी एक त्यौहार के रूप में हुल दिवस को मानते हैं। यही नहीं हुल दिवस के जनक सिद्धू कानून को आदिवासी समाज के लोग भगवान के रूप में पूजते है। यही कारण है की जामताड़ा सहित संथाल परगना प्रमंडल का शायद ही कोई ऐसा आदिवासी गांव है जहां चौक चौराहा पर सिद्धू कानू की प्रतिमा ना हो। दोहरे आन्दोलन को याद दिलाता है हूल दिवस: आदिवासी जानकार बताते हैं कि संथाल समाज में हुल दिवस दोहरे आन्दोलन को याद दिलाता है। प्रोफेसर सुनील कुमार हांसदा बताते हैं कि हुल दिवस अंग्रेजों के मार्शल लॉ के विरोध में हुए आंदोलन तथा नील की खेती के दौरान लिए जाने वाले अत्यधीक टेक्स के...
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