शामली, नवम्बर 6 -- गीता सत्संग भवन में चल रहे संध्याकालीन सत्संग में संत स्वरूपानंद गिरी ने वीतराग परमहंस संत दयानंद गिरी को आदर्श और समर्थ गुरु बताते हुए साक्षात ब्रह्म स्वरूप बताया। धार्मिक भक्त समाज के नेतृत्व में आयोजित इस सत्संग में संत स्वरूपानंद गिरी ने श्रद्धालुओं को शनि देव का रंग काला होने की कथा भी विस्तार से समझाई। संत स्वरूपानंद गिरी ने बताया कि वीतराग परमहंस संत दयानंद गिरी ने बाल्यकाल से सन्यासी जीवन बिताया। उन्होंने महात्मा बुद्ध से तपस्या और शंकराचार्य से ज्ञान की सीख लेकर काशी में षडदर्शन किया। जीवन भर नेकी के कार्य करते हुए लोगों को ज्ञान और भजन का मार्ग दिखाया। वे स्वयं के लिए कुछ भी संग्रह नहीं करते थे। ऐसे समर्थ सद्गुरु आज भी अपने भक्तों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। शनि देव की कथा का उल्लेख करते हुए संत ने बताया कि दधीच...