प्रयागराज, नवम्बर 17 -- प्रयागराज, संवाददाता। अरुंधती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ की ओर से विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंहल की दसवीं पुण्यतिथि के अवसर पर स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। महावीर भवन में आयोजित व्याख्यान के विषय 'पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक एवं सामाजिक एकात्मता में संत परंपरा व अध्यात्म का योगदान' पर मुख्य वक्ता गुवाहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ननी गोपाल महंत ने विचार व्यक्त किए। प्रो. महंती ने कहा कि 15वीं शताब्दी के महान संत शंकर देव ने असम के आहोम, बोरों, कोच, करबी व डिमासा जैसे विविध जन समुदायों को कृष्ण भक्ति के आध्यात्मिक सूत्र में पिरोकर 'एक शरण धर्म' परंपरा का निर्माण किया था। प्रो. महंत ने बताया कि परंपरा के निर्माण ने असम को एक सांस्कृतिक परिवार में रूपांतरित किया। संत शंकर देव की संत परंपरा न...