सासाराम, मई 3 -- डेहरी, एक संवाददाता। संतों के संगत में आने से मनुष्य धार्मिक प्रकृति का होता है। रामचरितमानस जैसे ग्रंथ को पढ़ने और सुनने से पापों से मुक्ति मिलती है। मानव जीवन में धर्म के प्रति समर्पित रहना चाहिए। उक्त बातें यूपी की आजमगढ़ से आई साध्वी वंदना सिंह ने डालमियानगर की रतु बिगहा स्थित हनुमान मानस मंदिर में आयोजित हनुमान चालीसा ज्ञान यज्ञ में कही। कहा कि भरत जी और हनुमान जी श्रीरामचरितमानस के वे पात्र हैं, जो राम को पाना और राम कार्य करने को ही सबसे बड़ा पुरुषार्थ मानते हैं। श्री भरत अयोध्या से सारे समाज को चित्रकुट ले जाकर खुद को धन्य मानते हैं। साध्वी ने कहा कि ईश्वर एक हैं। लेकिन उनके पास पहुंचने के लिए रास्ते अलग-अलग बनाए गए हैं। कहा कि इस मार्ग में चलने के दौरान मनुष्य अध्यात्मिक ज्ञान नहीं रहने के कारण अज्ञानता से भटकने ...