सासाराम, जुलाई 8 -- दावथ, एक संवाददाता। परमानपुर चातुर्मास्य व्रत स्थल पर मनीषी संत श्रीलक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने प्रवचन करते हुए संत दर्शन और यज्ञ के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि संत वही है जो माया से दूर रहता है। जिसे संसार की हर वस्तु सामान्य दिखाई पड़ती है। जिसमें अपने पराए का भेदभाव नहीं होता है।

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