देहरादून, मई 12 -- डीएल रोड स्थित श्री चैतन्य गौड़ीय मठ में चल रहे वार्षिक कार्यक्रम के अवसर पर सोमवार को हुए प्रवचरों में संतों ने वृंदावन के राधा रमण लाल के प्राकट्य लीला का गुणगान किया। कथा के दौरान संतों ने बताया गोपाल भट्ट गोस्वामी शालिग्राम की पूजा करते हुए विचार करते थे कि मेरे ठाकुर जी का भी स्वरूप होता तो मैं भी उनका सुंदर-सुंदर श्रृंगार कर पाता। गोपाल भट्ट स्वामी एक दिन अपने शालिग्राम के आगे विरह वेदना में व्याकुल होकर रूदन करने लगे कि आप प्रहलाद के लिए खंभे से प्रकट हो गए, मेरे लिए शालिग्राम से प्रकट नहीं हो सकते। नरसिंह चतुर्दशी पूर्ण हुई। तब आज के दिन ही गुरु पूर्णिमा के दिन शालिग्राम से ठाकुर जी राधा रमन देव के रूप में प्रकट हो गए। संतों ने बताया वर्तमान समय में भी उनके दर्शन अलग-अलग स्वरूप में होते हैं। प्रत्येक दिन उनके चे...
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