रांची, दिसम्बर 28 -- मुरहू, प्रतिनिधि। महर्षि मेंही आश्रम मलियादा, मुरहू में आयोजित दो दिवसीय सत्संग का समापन रविवार को श्रद्धा और उत्साह के साथ किया गया। समापन अवसर पर भागलपुर से पधारे स्वामी डॉ निर्मलानंद जी महाराज ने प्रवचन के दौरान भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और त्याग की परंपरा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत संत-महात्माओं और महापुरुषों की भूमि है। हमारी धरती को धरती मां और देश को भारत माता कहा जाता है। धरती मां हमें सब कुछ देती हैं, बावजूद इसके हम उसे गंदा करते हैं, फिर भी मां का वात्सल्य कभी कम नहीं होता। त्याग और बलिदान से मिलती है प्रेरणा: स्वामी जी ने गुरु गोविंद सिंह के जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके चार पुत्र थे, जिनमें से दो को उन्होंने देश की रक्षा के लिए युद्ध में बलिदान कर दिया, जबकि दो पुत्रों को आततायियों ने ...