गोंडा, अक्टूबर 17 -- नवाबगंज, संवाददाता। कटरा कुटी चल रही श्रीराम कथा में गुरुवार देर शाम प्रभुराम के वनगमन का भावपूर्ण प्रसंग सुना कर कथा व्यास ने श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। पण्डित मिथिला शरण ने कहा कि संतान में संस्कारों का बीजारोपण होना चाहिए। एक तरफ राजगद्दी और दूसरी तरफ 14 वर्ष का वनवास लेकिन फैसला लेने में प्रभु ने जरा भी समय नहीं लगाया। कथा व्यास ने कहा कि ऐसे समय पर फैसला लेने से जरा सा भी डगमगाना नहीं चाहिए और धैर्य कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने संदेश देते हुए कहा कि हम लोग निष्काम भक्ति नहीं करते सकाम भक्ति करते हैं। संतान में उदार भाव होना चाहिए। उदार मनुष्य इस लोक में भी प्रतिष्ठा पाता है देवलोक में भी। दशरथ और उनके जैसे अन्य राजाओं ने अपने उदार भाव के कारण पृथ्वी और देवलोक में प्रतिष्ठा पाई थी, जिससे इंद्र ने भी युद्...