पूर्णिया, जून 30 -- मीरगंज, एक संवाददाता।मीरगंज के रंगपुरा गांव में दो दिवसीय संतमत सत्संग का आयोजन किया गया। इस दौरान पूरा इलाका अध्यात्मिक रस से सरावोर रहा। आध्यात्मिक गंगा में डूबकर भक्तिरस छककर पीने को आतुर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी ओमानंदजी महाराज ने कहा कि मानव जीवन का महत्व है। हमें कई जन्मों के पुण्य कर्मों के फल से यह मनुष्य रूपी शरीर की प्राप्ति हुई है।इस शरीर को प्राप्त करने के लिए देवता भी लालायित रहते हैं। मनुष्य का शरीर मोक्ष का द्वार है। यह द्वार सत्संग, सदगुरु की कृपा से जानी जाती है क्योंकि सत्संग के माध्यम से ही व्यक्ति में सदगुण का समावेश हो सकता है। जो इस मनुष्य शरीर को पाकर भी सत्संग, भजन, साधना नहीं करता, वह अंततः अत्यंत दुख भोगता है और सिर पीट-पीटकर पछताता है। फिर वह अपने ही कर्मों के फल को समझ न पाकर क...