लखनऊ, मार्च 4 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का आंदोलन मंगलवार को 97वें दिन भी जारी रहा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आठ मार्च को केंद्रीय प्राधिकारियों की बैठक बुलाई है, जिसमें आंदोलन की आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि बीते नवंबर के अंत में पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने निजीकरण का राग छेड़कर प्रदेश के ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बना दिया है। निजीकरण के पीछे केवल भ्रष्टाचार है। अगर पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन निजीकरण की जिद पर अड़ा रहा तो बिजली कर्मचारी आंदोलन को बाध्य होंगे और इसकी आड़ में होने जा रहे भ्रष्टाचार को आम जनता के सामने रखेंगे। इसके लिए मार्च में ही नेशनल को-ऑर्डिनेशन...