लखनऊ, अगस्त 3 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्य सचिव एसपी गोयल को पत्र लिखकर निजीकरण की अब तक की प्रक्रिया की सारी कमियां गिनाई हैं। संघर्ष समिति ने मांग की है कि वे सभी तथ्यों की पड़ताल करवाएं और निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त करने के आदेश दें। संघर्ष समिति ने कहा कि मुख्य सचिव ही एनर्जी टास्क फोर्स के अध्यक्ष की हैसियत से समिति के पत्र पर फैसला लें। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि निजीकरण के नाम पर प्रदेश में बड़ा घोटाला होने जा रहा है। पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने घाटे के आधार पर निजीकरण का फैसला लिया है जबकि घाटे के आंकड़े झूठे हैं। सरकारी सब्सिडी और राजस्व बकाये को घाटे में दिखाया जा रहा है। निजीकरण के लिए सलाहकार की नियुक्ति गलत है क्योंकि उसने टेंडर के लिए झूठा हलफनामा दिया है। जिस स्ट...