देहरादून, फरवरी 21 -- मूल निवासी, भू-कानून संघर्ष समिति ने विधानसभा में पारित संशोधित भू-कानून की प्रतियां फाड़कर विरोध जताया। समिति का आरोप है कि इसमें भू-माफियाओं को जमीन लूट की और छूट दे दी गई है। इसे नगरीय क्षेत्रों में लागू नहीं किया गया, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 250 वर्ग मीटर जमीन खरीदने और 30 साल पर लीज पर जमीन लेने का प्रावधान किया गया है। उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में शुक्रवार को समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि सरकार ने भू-कानून के नाम पर आम लोगों को धोखा दिया है। मोहित ने कहा कि सरकार ने भू-कानून में जो संशोधन किया है, उसमें हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर को बाहर कर दिया गया है, जबकि इन दिनों जिलों में सबसे ज्यादा भू-माफिया सक्रिय हैं। वहीं, यदि बाहरी व्यक्ति इन दो जिलों में जमीन खरीदता है, तो वो कुछ समय बाद स्था...
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