लखनऊ, अगस्त 19 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने नियामक आयोग को पत्र भेजकर उसका पक्ष सुनने की मांग की है। संघर्ष समिति ने कहा है कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल के निजीकरण के लिए तैयार मसौदे को मंजूरी न दी जाए और उसका पक्ष सुनने के लिए समय दिया जाए। वहीं, संघर्ष समिति ने निजीकरण मामले में कर्मचारियों को अलर्ट जारी किया है। समिति ने कहा है कि निजीकरण का टेंडर होते ही अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार और सामूहिक जेल भरो आंदोलन की तैयारी रखी जाए। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि निजीकरण के बाद बिजली कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। लिहाजा निजीकरण के मसौदे पर अभिमत के पहले आयोग को संघर्ष समिति से बात करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इसके लिए नियामक आयोग के अध्यक्ष को पत्र भेजकर समय मांगा गया है। संघर्ष...