लखनऊ, मई 11 -- पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का विरोध कर रही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति को पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने सोमवार को बातचीत के लिए बुलाया है। संघर्ष समिति ने कहा कि वार्ता का समुचित वातावरण बनाने के लिए पावर कॉरपोरेशन को निजीकरण का विरोध कर रहे कर्मचारियों पर हुईं उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयां वापस लेनी चाहिए। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि एकतरफा निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी बीते पांच महीने से आंदोलनरत हैं। लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्वक आंदोलन करने वाले बिजली कर्मचारियों पर पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने कई उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयां की हैं। बड़े पैमाने पर संविदा कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया है। निजीकरण के बाद निजी घरानों की मदद करने के लिए लगभग 45 प्रतिशत संविदा कर्मचारियों...
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