संतकबीरनगर, अगस्त 18 -- संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के अब्दुल कलाम संगत से भजन की गायकी में इस कदर रम गए कि जिंदगी भर इसी कला को अपनी खेती बना लिए। दूर-दराज जहां से बुलावा आया, वह अपनी मंडली के साथ भजन और गजल गाने निकल जाते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जगह पुलिस लाइन में खुद हारमोनियम के साथ जब अब्दुल कलाम ने भजन गाने की शुरुआत की तो पूरा माहौल भक्ति रस से सराबोर हो गया। अफसर हो या कर्मचारी हर कोई अब्दुल कलाम की कला की तारीफ करते नहीं थका। महुली थाना क्षेत्र के मानपुर गांव के रहने वाले 65 वर्षीय अब्दुल कलाम पुत्र मुटुरू बताते हैं कि बचपन से ही उन्हें गायकी का शौक है। संगत ने भजन की गायकी उनके मन मस्तिष्क में बसा दिया। वैसे वे भजन, गजल, कौव्वाली गाते हैं। भोजपुरी उनकी पंसद है। करीब 50 वर्षों से वे भजन गाते चले आ रहे हैं। व...
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