गाजीपुर, अप्रैल 12 -- गाजीपुर, संवाददाता। श्री गंगा आश्रम बएपुर देवकली पर शुक्रवार को मानवता अभ्युदय महायज्ञ में सत्संग का आयोजन किया गया। साहित्यकार माधव कृष्ण ने आदि शंकर द्वारा रचित विवेक चूड़ामणि पर अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि परमहंस बाबा गंगाराम दास जीवनमुक्ति के पक्षधर थे। जीते जी मुक्त होने के लिए मनुष्य को आज से ही संकल्प लेना चाहिए कि वह उस हर चीज से मुक्त हो जाएगा जो अनात्म, अपवित्र और अनित्य है। जीवनमुक्ति के लिए मनुष्यत्व, मुमुक्षुत्व और महापुरुषसंश्रय आवश्यक हैं। जो आजीवन सत्य न्याय धर्म का पालन कर सके, वहीं मनुष्य कहलाने का अधिकारी है। जिसके अंदर मुक्त होने की इच्छा हो वह मुमुक्षु कहा जाता है। श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि हजारों हजारों में कोई एक व्यक्ति ही सिद्धि के लिए यत्न करता है। इसलिए संख्या बल...