इटावा औरैया, नवम्बर 9 -- बकेवर। असदपुर में पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को भक्त प्रहलाद के प्रसंग का वर्णन किया गया। कथा व्यास आचार्य राम कृष्ण बाजपेई ने कहा कि भक्त प्रह्लाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र सुना था। प्रहलाद असुर राजा हिरण्यकश्यप के पुत्र थे। जो भगवान विष्णु के कट्टर विरोधी थे। हिरण्यकश्यप ने अनेक बार प्रहलाद को मारने का प्रयास किया, परंतु भगवान विष्णु ने हर बार उनकी रक्षा की। अंततः भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया और हिरण्यकश्यप के वरदान का पालन करते हुए उसका वध किया और प्रहलाद को बचाय कथा व्यास ने सत्संग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सत्संग से शांति मिलती है और यह जीवन के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने गुरु की महिमा बताते हुए कहा कि गुरु भगवान से मिलने का मार्ग बताते हैं, लेकिन लो...